क्या है जी 20 शिखर सम्मेलन ? कब कहां हुआ सम्मेलन ? क्या है जी 20 के पास शक्तियां ?:
जी20 (G20) एक अंतरराष्ट्रीय मंच है जिसमें सरकारी नेताओं
और मध्यबैंक गवर्नर्स का समूह शामिल है, और इसका गठन वर्ष 1999 में किया गया था ताकि
विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच अंतरराष्ट्रीय वित्तीय स्थिरता और सहयोग को
बढ़ावा मिल सके। जी20 के सदस्य इकलौते यूरोपीय संघ के साथ 19 व्यक्तिगत देश होते हैं। जी20 देशों का एक संयुक्त
संघ है जो दुनिया की ग्लोबल जीडीपी (कुल घरेलू उत्पाद) के लगभग 85% और दुनिया की जनसंख्या
के दो तिहाई को प्रतिनिधित्व करता है।
जी20 का मुख्य उद्देश्य विश्व अर्थव्यवस्था की स्थिरता और
अर्थव्यवस्था के विकास के लिए सहयोग करना है, और इसके अंतरराष्ट्रीय सदस्य देश विभिन्न ग्लोबल
वित्तीय मुद्दों, जैसे कि व्यापार, वित्तीय स्थिति, और वित्तीय संबंधों को समझने और समाधान करने के लिए एक साथ काम करते हैं।
जी20 बार-बार विश्व
अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने और समझौते तय करने के लिए समक्ष
आते हैं और यह एक महत्वपूर्ण मंच है जो अंतरराष्ट्रीय सहयोग और साझेदारी को बढ़ावा
देता है।
2008 में इसके गठन के बाद 24 साल में 18वां सम्मेलन नई दिल्ली
में होने जा रहा है. इसका पहला सम्मेलन 14-15 नवंबर को अमेरिका का
वाशिंगटन, दूसरा सम्मेलन 2009 में 2 अप्रैल को हुआ.
भारत में जी 20 देशों (सदस्य 2017 तक
समूह के 20 सदस्य हैं:
अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपीय
संघ, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी
अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण
कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड
किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका।) की बैठक राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में 8 से 10 सितंबर के बीच होने जा
रही है. भारत में इस तरह का इतना बड़ा पहला अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया
जा रहा है, जिसकी सालभर से तैयारी चल रही थी. भारत में जी 20 का 18वां सम्मेलन होने जा रहा
है,
इससे पहले 17 बार बैठक हुई है. जी 20 की स्थापना साल 2008 में कई गई थी और पहली
इसकी बैठक अमेरिकी में हुई थी.
भारत में होने जा रहे इस सम्मेलन में एक तरफ
जहां रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन नहीं आ रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ चीन के
राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी नहीं आएंगे. चीन की तरफ से इस सम्मेलन में वहां के
प्रधानमंत्री को भेजा जा रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ये जी 20 सम्मेलन क्या है और
इसका आखिर क्या मकसद है?
सबसे पहले आपको बताते है कि जी 20 का गठन किस तरह से
किया गया. ये दरअसर जी 8 देशों का विस्तार है. शुरुआत में एक जी-7 ग्रुप होता था, जिसमें कनाडा, अमेरिका, जर्मनी, इटली, फ्रांस, जापान और ब्रिटेन इसके सदस्य होते थे. लेकिन, रुस में इस ग्रुप के
साथ साल 1998 में जुड़ गया.
जी20 का पूरा नाम ग्रुप ऑफ ट्वेंटी है, जो दुनिया की 20 प्रमुख आर्थिक ताकतों का समूह है, जी-20 शिखर सम्मेलन के एजेंडे में विकासशील देशो को
आर्थिक मदद, विश्व
बैंक और आईएमएफ में सुधार, क्रिप्टो
करेंसी के लिए नए नियम, खाद्य
और ऊर्जा सुरक्षा पर जोर, जलवायु
परिवर्तन और रूस-यूक्रेन युद्ध के आर्थिक और सामाजिक प्रभाव जैसे मुद्दे शामिल
हैं. इस सभी मुद्दों पर चर्चा होगी.
लेकिन, 1999 से पहले एशिया कुछ
सालों से आर्थिक संकट से जूझ रहा था और इसके बाद जर्मनी के बर्लिन में जी 8 की बैठक के दौरान जी 20 का गठन किया गया. साल 2007 में ग्लोबल इकॉनोमिक
क्राइसिस के बाद जी 20 फोरम को राष्ट्रप्रमुखों के स्तर का बना दिया गया. जी 20 समूह की पहला सम्मेलन
अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में हुआ था. जी 20 शिखर सम्मेलन का उद्देश्य दुनिया के प्रमुख
आर्थिक देशों का सम्मेलन, जहां सदस्य देशों के बीच वैश्विक अर्थव्यवस्था, वित्तीय, व्यवसाय, निवेश और जलवायु
परिवर्तन समेत जरूरी मुद्दों पर चर्चा करना है. दुनिया की जीडीपी में जी 20 देशों की हिस्सेदारी
करीब 85% है. इसके अलावा, दुनिया का कुल 80% प्रोडक्शन और
अंतरराष्ट्रीय व्यापार समूह में इसकी 75% हिस्सेदारी है.
ऐसा नहीं है कि हर साल इसकी बैठक होती है. 2008 में इसके गठन के बाद 24 साल में 18वां सम्मेलन नई दिल्ली
में होने जा रहा है. इसका पहला सम्मेलन 14-15 नवंबर को अमेरिका का
वाशिंगटन, दूसरा सम्मेलन 2009 में 2 अप्रैल को हुआ. इसके बाद तीसरा जी 20 सम्मेलन 24-25 सितंबर को 2009 में ही अमेरिका के
पिट्सबर्ग में हुआ. चौथा सम्मेलन कनाडा को टोरंटो में 26-27 जून 2010 को, पांचवां सम्मेलन दक्षिण
कोरिया के सियोल में साल 2010 में 11-12 नवंबर को, छठा सम्मेलन साल 2011 में 3 और 4 नवंबर को फ्रांस के
कांस में किया गया.
जी 20 का सातवां सम्मेलन साल 2012 में 18 और 19 जून को मैक्सिको में
हुआ,
इसके बाद आठवां सम्मेलन इसी साल रुस में हुआ. नौवां सम्मेलन पीट्सबर्ग में
साल 2014 में 15-16 नवंबर को हुआ. दसवां
सम्मेलन तुर्की में साल 2015 में 15-16 नवंबर को किया गया.
ग्यारहवां सम्मेलन साल 2016 में चीन में 4-5 सितंबर को किया गया.
जी 20 का बारहवां सम्मेलन जर्मनी के हैमबर्ग में
साल 2017 में 7-8 जुलाई को किया गया.
इसका 13वां सम्मेलन 2018 में अर्जेंटीना में 1 दिसंबर 2018 को आयोजित किया गया.
चौदहवां सम्मेलन ओसाका में साल 2019 में 28-29 जून को किया गया.
पन्द्रहवां सम्मेलन 2020 में सऊदी अरब में
कोरोना के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 21 और 22 नवंबर को किया गया. इसके बाद 16वां सम्मेलन इटली के
रोम में 2021 में 30-31 अक्टूबर को आयोजित किया गया. 17वां सम्मेलन इंडोनेशिया
में साल 2022 में 15-16 नवंबर को आयोजित किया गया. 18वां जी 20 सम्मेलन 9-10 सितंबर को भारत में
होने जा रहा है. 19वां सम्मेलन ब्राजील में 2024 में हो सकता है.
जहां तक जी 20 को अधिकारी की बात है तो संयुक्त राष्ट्र की
तरफ से इसके बाद कोई विधायी शक्ति नहीं है और न ही इसके सदस्य देशों के बीच उस
फैसले को मानने की कोई कानूनी बाध्यता है. मुख्य रुप से समझें तो जी 20 सदस्य देशों के बीच
दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करने और उसको बढ़ावा देने पर चर्चा होती है.
इसमें एजुकेशन, रोजगार और खाद्य पदार्थों की कीमतों को नियंत्रित करने जैसे मुद्दों पर
फैसले लिए जाते हैं.
इसका कोई मुख्यालय या सचिवालय नहीं है. जी 20 के अध्यक्ष का फैसला
ट्रोइका से तय किया जाता है और हर सम्मेलन को वर्तमान, पिछले और भविष्य के
राष्ट्राध्यक्षों के समर्थन से आयोजित किया जाताी है, आसान भाषा में समझे तो
इस बार ट्रोइका में इंडोनेशिया, भारत और ब्राजील है.
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